सत्येंद्र सिंह/देवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट
-केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ की गई हड़ताल का बैकिंग, रोडवेज, बीमा, वित्तिय शाखाओं में कार्य बाधित
-कोयला कंपनियों में कोयले का उत्खनन और प्रेषण कार्य रहा प्रभावित, हालांकि उत्पादन रहा लगभग सामान्य
(रांची): केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ लगभग दो दर्जन से अधिक मजदूर यूनियनों ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर इस हड़ताल में बैकिंग, रोडवेज, बीमा, कला कंपनियों, वित्तिय विभाग समेत हमें कई उद्योगों में कार्यरत श्रमिक शामिल हुए। श्रमिक संगठनों के अनुसार हड़ताल के पहले दिन व्यापक देखा गया। हालांकि कई क्षेत्रों में एसबीआई बैंक तो खुले देखे ही गए कोयला कंपनियों में मजदूरों ने भी पूर्व की तरह कार्य किया। बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल समेत सभी कम्पनी में कंपनी प्रबंधन के अनुसार कोयला का उत्पादन प्रभावित रहा। हालांकि ट्रेड यूनियन कोयले का उत्पादन को भी प्रभावित होने का दावा करता है। जबकि प्रेषण पर इसका सीधा असर पडा है। सीसीएल के रामगढ़, हजारीबाग, चुरचू आदि क्षेत्रों में इसका सीधा असर देखा जा रहा है। जबकि ढोरी, अमलो आदि क्षेत्रों में मजदूरों की उपस्थिति व कोयले का उत्पादन सामान्य रहा। वहीं रांची के एचईसी परिसर में हड़ताल समर्थक और विरोधी गुट के बीच जमकर मारपीट हुई। इसमें आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी के धायल होने की खबर है। इसके कारण वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। मेकान में भी हड़ताल का असर पडा है। सभी डाकघर बंद देखा गया। बैकिंग और बीमा कम्पनी पर इसका सीधा असर पडा है। आयकर, कस्टम समेत केन्द्र सरकार के कार्यालय में भी कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। वहीं बोकारो इस्पात संयंत्र मे 80 प्रतिशत ठेका कामगार भी हड़ताल पर रहे जिसका व्यापक असर तांबा, बाक्साइट और माइका उद्योग में पड़ा। गौरतलब है की पं.सिंहभूम के किरीबुरू, मेगाहातुबुरू और चिड़िया क्षेत्र में अवस्थित लौह अयस्क की खदानों में हड़ताल के चलते काम ठप्प रहा। राज्य के बैंकों, बीमा सेक्टर और डाकघरों में हड़ताल के चलते कोई काम काज नहीं हुआ। पावर सेक्टर में केवल दामोदर घाटी निगम में हड़ताल रहा। निर्माण और परिवहन सेक्टर जहां अधिकांश असंगठित क्षेत्र के मजदूर काम करते हैं। वहां 80 प्रतिशत हड़ताल रही तथा पत्थर और बीडी सेक्टर में एक सौ प्रतिशत हड़ताल रह। बता दें कीसेल्स प्रमोशन के तीस हजार इंप्लाईज ने भी हड़ताल का समर्थन किया जिससे वहां डिस्पैच का काम पुरी तरह बंद रहा। दो लाख स्कीम वर्कर जिनमें आंगनवाड़ी सेविका - सहायिका, सहिया, मध्याह्न भोजन के कामगारों समेत मनरेगा मजदूर हड़ताल पर रहे। राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों की हड़ताल में आंशिक भागीदारी रही। राज्य के किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कई जगह राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना देकर आवागमन को कई घंटे तक ठप्प रखा। कई स्थानों पर रास्ता रोक रहे किसानों को गिरफ्तार भी किया गया। वहीँ राजधानी रांची में मजदूरों-कर्मचारियों का एक जूलूस सैनिक बाजार से निकाला गया, जो महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) से गुजर कर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचा। जहां एक संयुक्त सभा की गई। हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को राजभवन कूच किया जाएगा। यह जानकारी प्रकाश विप्लव - सीटू, पीके गांगुली - एटक, शुभेंदु सेन-एक्टू, संजीव सिन्हा-इंटक, मिंटू पासवान- एआईयूटीयूसी ने दी।